आप को कदाचित पता होगा कि अनुष्का शर्मा की संस्कारी चुड़ैलों की ट्रायलॉजी में तीसरी फिल्म है, बुलबुल. फिल्लौरी, परी और अब बुलबुल. एक पंजाबी, एक बांग्लादेशी और एक बंगाली चुड़ैल.
मुझे एक बात की शिकायत है अनुष्का शर्मा से. वैसे उनके पती विराट से भी है की वो मराठीयों को टीम में ज्यादा लेते नहीं हैं। यही शिकायत अनुष्का से भी है।
ब्रूस विलीस की डाय हार्ड अर्थात कडक मृत्यू फिल्मो के तीन भाग होते होते लगा था चरम पर सिरीज खतम हो गयी है। परंतु नहीं। गन्ने के भूत से भी रस निकालने की कला तो हमें अवगत है परंतु उस कला का फिल्मो में यशस्वी प्रयोग हॉलिवूड ने ही किया है। ऊन्होने ऑफिसर मक्लेन के किरदार को रबरबँड से अधिक खिंचते हुए चौथे भाग में बेटी एवं पांचवे भाग में बेटे का किरदार को लेकर दो और फिल्में बना डालीं।
उसी प्रकार संस्कारी चुड़ैलों के सिरीज में चौथी फिल्म में चुड़ैल को मराठी दिखा सकते हैं। वैसे मेरे मस्तिष्क में इस रोल के लिये तीन महिलाओं का नाम है परंतु वो अपने समाजसेवा एवं राजनीती के अच्छी खासी आमदनी के क्षेत्रों को छोडकर फ़िल्मों में आने के लिये तैय्यार होंगी भी या नहीं पता नहीं। खैर कुछ ना कुछ जुगाड़ हो जायेगा।
वैसे अजिंक्य रहाणे से पता चला है की विराट को मराठीयों से विराट को वैसे तो कोई समस्या नहीं हैं परंतु उनका कहना है की मराठीयों की गालियाँ उतनी पॉवरफुल नहीं लगतीं जितना पंजाबीयों की जाकर दुष्मन को चुभती हैं। मैं फेसबुक के माध्यम से उनको बताना चाहता हूं कि ऐसा कतई नहीं है।
मुझे लगता है कि ऐसी ही कोई शिकायत अनुष्का शर्मा को होगी। उन्हें लगता होगा कितना भी मेकअप कर लो मराठी अभिनेत्रीयां उतनी डरावनी नहीं लगेंगी। तो मैं उन्हें आश्वस्त कर देना चाहता हूं कि मैने उपर जिन तीन महिलाओं की बात की है उन्हे देखकर स्वर्गीय रफी साहब के 'उन्हे देखकर रो रहे हैं सभी' गाने की याद आ जायेगी। और तो और मेकप की भी आवश्यकता नहीं पडेगी।
परंतु उनका नाम अभी नहीं बता सकता। कमिशन का प्रश्न है। और सायनिंग अमाउंट पसंद नहीं आया तो मुझे बंगले पर ले जाकर....खैर....आप पहले अनुष्का से चौथे सिक्वेल के एमओयु अर्थात मेमोरँडम ऑफ अंडरस्टँडिंग पर साइन तो करवाईए।
🖋️ मंदार दिलीप जोशी
आषाढ शु. ९, शके १९४२
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