Monday, October 24, 2016

लिबरल

जब एक ज्ञानी हिंदू को एक लिबरल ने
मानवता का पाठ पढाया
तो हिंदू फरमाया
की मेरे लिबरल भाया
अपनी औकात न भूल

तेरे जैसे तो उस पानी के गिलास की तरह है
जो समंदर से पूछ रहा हो
"तू जानता ही क्या है मेरे बारे में?"
तो मेरे लिबरल भाया, अपनी औकात मे रह
बचकानी बाते ना कर
मैं तो हूं विशाल बोधीवृक्ष
और तू सिर्फ मोह माया.

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© मंदार दिलीप जोशी